10th class Hindi vvi subjective question answer
(1) कवि के दृष्टि के समय के रथ का घघर नाथ क्या है? स्पष्ट करें।
उत्तर – कवि ने सदियों से राजतंत्र से शामिल जनता की जागृति को उजागर करते हुए कहा है कि अब नवीन व्यवस्था लेकर जनतंत्र का आगमन हो रहा है। राजतंत्र का जमाना लग गया, समय परिवर्तित हो चुका है। समय की पुकार है कि भारत की राजसत्ता सँभालेगी, राज सिंहासन पर प्रजा आरुढ़ होने जा रही है। अब अविलम्ब सिंहासन उसके लिए खाली करो। समय की पुकार की क्रांति की शंखनाद ही रथ का घघर नाद है। इसके माध्यम से कवि सत्ता परिवर्तन की ओर संकेत करते हैं।
(2) वचन किसे कहते हैं ? इसके भेद लिखें।
उत्तर – संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो उसे वचन कहते हैं।
हिंदी में वचन के दो भेद होते हैं –
(i) एकवचन – लड़का, घोड़ा, कपड़ा इत्यादि।
(ii) बहुवचन -लड़के, घोड़े ,कपड़े इत्यादि।
(3) मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था ?
उत्तर – मंगम्मा का अपनी बहू के साथ अपने पोते को लेकर विवाद था। बहु पोते को जब तब पीट दिया करती थी। इसके लिए मंगम्मा उसे मना करती थी। किंतु वह मंगम्मा के साथ लड़ जाती थी।
(4) कुसुम के पागलपन में सुधार देखा मंगु के पति माँ परिवार और समाज की प्रतिक्रिया को अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर – कुसुम का पागलपन ठीक हो जाने पर लोगों ने फिर माँ को उसे अस्पताल में भर्ती करने को कहा। इस बार माँ भी कुसुम के सुधार को देखकर डोल गई। परिवार के अन्य लोग तो पहले से ही तैयार थे। इसलिए अब मांगु को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया।
(5) भारतमाता अपने ही घर में प्रवासिनी क्यों बनी हुई है ?
उत्तर -अपनी दीनता में जकड़े होने के कारण झुकी हुई नजरों वाली, सतत् नि:शब्द रोदन वाली और हमेशा खिन्न मन से रहने के कारण भारत माता अपने ही घर में प्रवासिनी विदेश में रहने वाली की तरह कष्ट में है। विदेशी सरकार के हर जुल्म अन्याय और शोषण को भारतीयों को हर हाल में चुपचाप सहन करना पड़ रहा है। देश की संप्रभुता नष्ट होने के कारण सारे साधनों पर अंग्रेजों का अधिकार है। मैं उसी के मर्जी से किसी साधनों को उपयोग कर सकते हैं अथवा नहीं। इस कारण भारत माता अपने ही घर में प्रवासिनी बनी हुई है।
(6) प्रतीक्षा करते हैं पत्थर कविता से आप क्या सिखाते हैं ?
उत्तर -यह कविता हमें मौन और धैर्य की सीख देती है। मौन रहकर स्तब्ध अंगों से सब कुछ कह देना, प्रत्येक स्थिति में स्थिरता कायम रखना, अपनी प्राचीनता निरंतर बनाए रखना, कामनाएँ कल्पनाएँ एवं नवीन स्वप्न को साकार करने की बात जोहना व्यापक तथा आशवान रहना आदि बातें यह कविता हमें सिखाती है।
(7) नगरी को देवनागरी क्यों कहते हैं? लेखक की संबंध में क्या बताता है ?
उत्तर-नागरी को उत्तर भारत में देवनागरी कहा जाता है। लेखक के अनुसार देवनागरी लिपि से संबंध कई मत है। एक मत के अनुसार काशी देवनागरी है, इसलिए यहाँ चलने वाली लिपि देवनागरी कहलायी। दूसरे मत के अनुसार, चंद्रगुप्त (द्वितीय) विक्रमादित्य का व्यक्तिगत नाम देव था, इसलिए गुप्तों की राजधानी पटना को देवनगर और यहाँ प्रचलित लिपि को देवनागरी कहा गया। किन्तु लेखक यह सब प्रामाणिक नहीं मानता।
(8) अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए।
उत्तर -बहादुर बारह तेरह वर्ष का ठिकाना चकइठ शरीर गोरा रंग और चपटा मुँह का लड़का था। आँखें बुरी तरह मलका रहा था। सफेद नेकर आधी वाँह की सफेद कमीज और भूरे रंग की पुराना जूता और गले में स्काउट की तरह एक रुमाल बँधा था। लेखक के परिवार के लोग उसे ऐसे घिरे हुए थे, जैसे वह कोई अजनबी चीज हो।
(9) बिरजू महाराज की अपने शार्गिदों के बारे में क्या राय है?
उत्तर – शार्गिदों के बारे में बिरजू महाराज की राय अच्छी नहीं है। उन्होंने कई अच्छे कई खूब अच्छे और कई काम चलाऊ शार्गिदों के नाम गिनाए। किंतु शार्गिदों से उनकी शिकायत है कि किसी को त्याग या कला के प्रति सम्मान नहीं है, उनके लड़के में भी नहीं। बस कमाने खाने और एंजॉय करने का ख्याल है। हाँ शाश्वती और कुछ-कुछ दुर्गा के बारे में उनका ख्याल है कि वह कल को सम्मान देती है।
(10) शिक्षा का ध्येय गाँधीजी क्या मानते थे और क्यों ?
उत्तर -गाँधीजी व्यक्ति का चरित्र निर्माण शिक्षा का ध्येय मानते थे। साहस बल सदाचार और बड़े लक्ष्य के लिए काम करने में आत्मोत्सर्ग ही चरित्र- निर्माण है। यह साक्षरता से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
गाँधीजी का विचार है कि चरित्र- निर्माण करने में लोग सफल हो जाए तो समाज अपना काम आप ही संभाल लेगा। इस प्रकार जिन व्यक्तियों को विकास हो जाएगा उनके हाथों में संगठन का काम सौंप दिया जाएगा।
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Vikash Kumar
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