(1) परंपरा का ज्ञान किसके लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है और क्यों ?
उत्तर – साहित्य में युग – परिवर्तन करने वाले तथा क्रांतिकारी साहित्य रचने वाले के लिए साहित्य की परंपरा का ज्ञान आवश्यक है, क्योंकि साहित्य की परंपरा से ही प्रगतिशील आलोचना का विकास होता है और इसके ज्ञान से साहित्य की धारा मोड़कर प्रगतिशील साहित्य का निर्माण किया जा सकता है।
(2) शम्भू महाराज के साथ बिरजू महाराज के संबंध पर प्रकाश डालिए।
उत्तर – शम्भू महाराज बिरजू महाराज के चाचा थे। बिरजू महाराज को बचपन से उनका मार्गनिर्देशन मिला, भारतीय कलाकेंद्र में उनका सानिध्य मिला। उन्हीं का सहायक रहकर बिरजू महाराज ने सफलता प्राप्त की। सम्भू महाराज के साथ गुरु महाराज बचपन में नाचा करते थे।
(3) मछली और दीदी में क्या समानता दिखलाई पड़ी ? स्पष्ट करें ।
उत्तर – मछली और दीदी में कई समानताएँ हैं। मछली जल में रहती है और दीदी घर में। मछली झोले में तड़पती है और दीदी घर में छटपटाती रहती है। मछली पानी से निकलने पर मर जाती है, और दीदी घर में पिता से पटती है। न मछली अपनी व्याथा प्रकट कर पाती है और न ही दीदी।
(4) गाँधीजी बढ़िया शिक्षा किसे कहते हैं ?
उत्तर – गांधीजी के अनुसार अहिंसक प्रतिरोध सबसे उदात्त और बढ़िया शिक्षा है। वे बच्चों को अक्षर – ज्ञान मिलने के पहले सत्य प्रेम और आत्मा की शक्तियों का ज्ञान होना आवश्यक मानते हैं। प्रेम से घृणा को, सत्य से असत्य को और कष्ट – सहन से हिंसा को जितना शिक्षा का अंग होना चाहिए।
(5) कवि भारतमाता को गीता प्रकाशिनी मानकर भी ज्ञानमूढ़ क्यों कहता है ?
उत्तर – कवि भारतमाता अर्थात देशवासियों को ज्ञानमूढ़ इसलिए कहता है, क्योंकि अर्जुन की अज्ञानता नष्ट करने के लिए ही श्रीकृष्ण को गीता का उपदेश देना पड़ा था। स्वयं श्री कृष्ण ने अपने उपदेश में कहा भी था कि अज्ञानता के कारण ही व्यक्ति स्वार्थी अथवा मोहग्रस्त होता है, जो उसे विनाश की ओर ले जाता है। अतः कवि के कहने का तात्पर्य है कि गीता के मर्म को जानते हुए भी देशवासी अपने पर हो रहे जुल्म का विरोध नहीं करते हैं। इसलिए कभी भारत माता को ज्ञानमूढ कहता है।
(6) बहू ने सास को मनाने के लिए कौन – सा तरीका अपनाया ?
उत्तर – बहु बुद्धिमती थीं। जब बहू को रंगप्पा के द्वारा ज्ञात हुआ कि उसकी सास ने रंगप्पा को कर्ज देने की स्वीकृति प्रदान की है तब उसने बेटे को ढाल बनाकर पैसे लेने की तरकीब सोचने लगी। वह जानती है कि उसकी सास अपने पोते से बहुत प्यार करती है। अतः उसने अपने बेटे को दादी के पास ही रहने के लिए भेज दिया। बच्चा जब दादी के साथ बाजार जाने को मचल रहा था, तो बेटा बहू ने उसे समझाया। अपनी गलती भी उन्होंने स्वीकार की। पोता की समझौते का जरिया बन गया है, जो बहू की योजना थी।
(7) सीता अपने ही घर में क्यों घुटन महसूस करती है ?
उत्तर – सीता तीन बेटों की एक बूढ़ी विधवा माँ है। उसके तीनों बेटे माँ के खाना को लेकर आपस में झगड़ते रहते हैं। उसकी बहुएँ भी आपस में झगड़ती रहती है, इसलिए उसे अपने ही घर में घुटन महसूस होती है ।
(8) नागरी को देवनागरी क्यों कहते हैं ? लेखक इस संबंध में क्या बताता है ?
उत्तर – नागरी को उत्तर भारत में देवनागरी कहा जाता है। लेखक के अनुसार देवनागरी लिपि से संबंध कई मत है। एक मत के अनुसार काशी देवनागरी है, इसलिए यहाँ चलने वाली लिपि देवनागरी कहलायी । दूसरे मत के अनुसार चंद्रगुप्त (द्वितीय) विक्रमादित्य का व्यक्तिगत नाम देव था, इसलिए गुप्तों की राजधानी पटना को देवनगर और यहाँ प्रचलित लिपि को देवनागरी कहा गया। किंतु लेखक यह सब प्रमाणिक नहीं मानता।
(9) अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए।
उत्तर – बहादुर बारह – तेरह वर्ष का ठिगना चकइठ शरीर गोरा रंग और चपटा मुँह का लड़का था। आँखे बुरी तरह मलका रहा था। सफेद नेकर आधी बाँह की सफेद कमीज और भूरे रंग की पुराना जूता और गले में स्काउट की तरह एक रुमाल बँधा था। लेखक के परिवार के लोग उसे ऐसे घेरे हुए थे, जैसे वह कोई अजनबी चीज हो।
(10) बिरजू महाराज की अपने शार्गिदों के बारे में क्या राय है ?
उत्तर – शार्गिदों के बारे में बिरजू महाराज की राई अच्छी नहीं है। उन्होंने कई अच्छे, कई खूब अच्छे और कई कामचलाऊ शार्गिदों के नाम गिनाए। किन्तु शार्गिदों से उनकी शिकायत है कि किसी को त्याग या कला के प्रति सम्मान नहीं है, उनके लड़के में भी नहीं। बस कमाने – खाने और एन्जॉय करने का ख्याल है। हाँ शाश्वती और कुछ-कुछ दुर्गा के बारे में उनका ख्याल है कि वह कला को सम्मान देती है।
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