(1) पाल के पूछताछ करने पर क्लर्क ने क्या जवाब दिया?
उत्तर – पाल के पूछताछ करने पर क्लर्क ने जवाब दिया कि आपलोग किसी भी रोगी का एडमिन लिखकर चिट थमा देते हैं, या नहीं देखते कि वार्ड में कोई जगह खाली है या नहीं। यहाँ वार्ड में खड़े होने की भी जगह नहीं है। ऐसी स्थिति में हम किसी रोगी के लिए बेड की व्यवस्था कहाँ से करें।
(2) बड़े डॉक्टर साहब ने डॉक्टर धनशेखरन को वल्लि अम्माल और उसकी लड़की को कहाँ देखने के लिए भेजा?
उत्तर – बढ़िया डॉक्टर साहब ने डॉक्टर धनशेखरन वल्लि अम्माल और उसकी लड़की को स्वयं ओ० पी० डी० में जाकर देखने के लिए कहा।
(3) यह पता लगने पर कि उनके विभाग के वार्ड में जो बेड खाली है, उसे रिजर्व करके रखा गया है, बड़े डॉक्टर साहब ने क्या कहा ?
उत्तर – यह पता लगने पर कि डॉक्टर साहब के विभाग के वार्ड में जो बेड खाली है, उसे रिजर्व करके रखा गया है, डॉक्टर साहब ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है, मैं उसकी परवाह नहीं करता, मैं चाहता हूँ कि उस लड़की को एकदम अभी मेरे विभाग के वार्ड के खाली बेड को दे दिया जाए।”
(4) नगर शीर्षक कहानी का अंत किस विडंबना के साथ होता है ?
उत्तर – नगर शीर्षक कहानी का अंत विडंबनापूर्ण है। आज के वैज्ञानिक युग में वल्लि अम्माल को अपनी बेटी के इलाज के लिए गाँव के वेद जी की शरण में जाना पड़ता है। प्रशासनिक अव्यवस्था के चलते निर्धन वल्लि अम्माल की बेटी का इलाज नगर के सरकारी अस्पताल में नहीं हो पाता।
(5) पाप्पाति कौन थी और वह शहर क्यों लाई गई थी ?
उत्तर – पाप्पाति मूनांडिप्पट्टि गांव की वल्लि अम्माल (वल्लियम्मा) बारह वर्षीय पुत्री थी। उसकी तबीयत खराब थी। अतः बड़े अस्पताल में दिखाने के लिए वह शहर लाई गई थी।
(6) सीता माँ के कितने बेटे हैं ? उन बेटों के नाम क्या है ? सीता माँ के बेटे ने अपनी विधवा माँ के निर्वाह के लिए पहला निर्णय कौन – सा लिया है ?
उत्तर – सीता माँ के तीन बेटे हैं। उन बेटों के नाम है – कैलाश, नारायण, और बिज्जू। सीता माँ के बेटों ने अपनी विधवा माँ के लिए वहाँ के लिए पहला निर्णय लिया है कि तीनों भाई भाई बारी – बारी से माँ को एक-एक महीना अपने साथ रहेंगे।
(7) माँ के निर्वाह के लिए बेटों ने नए ढंग से क्या सोचा है?
उत्तर – माँ के निर्वाह के लिए बेटों ने एक नया ढंग सोचा। उन्होंने बारी-बारी से माँ को एक-एक महीना अपने साथ रखने का निर्णय लिया।
(8) माँ हर माह इधर उधर न लुढ़कती रहे”- इसके लिए कैलाश ने कौन – सा उपाय ढूँढा ? माँ की इस पर कैसी प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर – माँ हर माह इधर – उधर न लुढ़कती रहे, इसके लिए बड़े पुत्र कैलाश में एक उपाय ढूँढा । उपाय था कि तीनों पुत्र माँ को पचास – पचास रूपये हर महीने दे दिया करें। उसके लिए डेढ़ सौ रूपये काफी है।
माँ को जब यह मालूम हुआ तब उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। उसका मन रोने को हो गया। उसके भीतर आंसुओं का समुद्र भर गया। उन्होंने बेटो द्वारा पचास -पचास रूपये प्रतिमाह देने के निर्णय को अपने स्वाभिमान के विरुद्ध माना। वे बेटों की मजदूरिन नहीं थी। उन्होंने बेटों का घर छोड़ देने का लेने लिया। अगले दिन अंधेरे – अंधेरे ही वे घर से निकल गई।
(9) नारायण की पत्नी भँवरी ने अपने बेटे के जन्मदिन पर माँ को रसमलाई भेजो। इसपर बिज्जू की पत्नी पुष्पा की क्या प्रक्रिया हुई ?
उत्तर – नारायण की पत्नी ने अपने बेटे के जन्मदिन पर बिज्जू के घर रह रही माँ के लिए रसमलाई भेजी। इसपर बिज्जू की पत्नी पुष्पा भड़क उठी। उसने नारायण की पत्नी भँवरी को सुन कर कहा – अपनी अमीरी दिखाने के लिए रसमलाई भेजी है ! जब तुम्हारे हिस्से में थी तब तो उन्हें सूखी रोटियाँ ही खिलाई। आज रसमलाई से अपनी धौस दिखा रही हो। मेरे हिस्से में माँ हो तो अपना माल अपने ही पास रखना। हमारी जैसी सामर्थ्य होगी हम खुद खिला लेंगे।
(10) सीता किस बुरे दिन की बात याद करती है ?
उत्तर – सीता उस बुरे दिन की याद करती है जब बड़े लड़के कैलाश ने सुबह चाय पीते समय नारायण और बिज्जू को बुलाया उनसे कहा कि माँ को रखने का ठेका सिर्फ मेरा ही नहीं है। तुमलोगों का भी तो कोई फर्ज होगा। तुमने कौन- सा घर में हिस्सा नहीं लिया? तुम कौन से माँ के बेटे नहीं हो ?
सीता को याद है कि तीनों भाई बैठे और उन्होंने मेरे संबंध में निर्णय लिया कि मैं बाड़ी – बाड़ी से एक-एक महीना उनके पास रहूंगी। वह दिन माँ की जीवनयात्रा का एक दु:खद दिन था, जिसे माँ आज भी याद कर भीतर से काँप उठती है।
(11) कैलाश के घर से नारायण के घर जाते समय सीता के भीतर कैसी आशंका उत्पन्न होती है ?
उत्तर – कैलाश के घर से नारायण के घर जाते समय सीता के भीतर एक आशंका उत्पन्न होती है – कल नारायण के हिस्से में खाना – पीना होगा। तब कैलाश के पानी में भी साझा नहीं रहेगा क्या ? क्या बच्चों के पास आना जाना भी बंद हो जाएगा ? क्या कैलाश के बच्चे मुझसे दूर हो जाएंगे?”सीता अपनी आशंकाओं को अपने काटती है और वह बड़बड़ा उठती है – नहीं °°° यह बात नहीं हो सकती।”
(12) कैलाश, नारायण और बिज्जू के चेहरे पर क्या अंकित रहता है ?
उत्तर – कैलाश, नारायण और बिज्जू के चेहरों पर दूसरे भाइयों की संतानों के लिए हमेशा घिरना और तिरस्कार के भाव अंकित करते हैं।
(13) अपने बेटों का घर छोड़ने के बाद सीता को कैसा अनुभव हुआ होगा ?
उत्तर – अपने बेटों के दमघोंटू वातावरण से पूर्ण घरों को छोड़ने के बाद सीता को मुक्ति के आनंद का अनुभव हुआ होगा।
(14) सीता मां क्यों रूआँसी हो जाती है ?
उत्तर – बारी – बारी से बेटों के यहाँ जाकर खाने और रहने की बात सोचकर निस्सहाय और व्यथित सीता माँ रूआँसी हो जाती है।
(15) धरती कब तक घूमेगी कहानी के शीर्षक की सार्थकता बताएँ।
उत्तर – धरती कब तक घूमेगी कहानी का शीर्षक सार्थक एवं सटीक है। यह शीर्षक लाक्षणिक एवं प्रतीकात्मक है। जिस तरह धरती सूर्य के चारों ओर घूमती रहती है, उसी तरह धरती स्वरूपा सीता माँ अपने बेटों के चारों और बारी-बारी से घूमती है। एक दिन सहिष्णुता की सीमा पार करने के पश्चात वह अपने बेटों के यहाँ बारी – बारी से घूमना (चक्कर लगाना) अस्वीकार कर देती है। आखिर धरती (सीता माँ) कब तक घूमेगी ! – वह भी अपने बेटों से अपमानित होकर।
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