10th science subjective question answer
(1) प्रतिरोध की उत्पत्ति का कारण क्या है ?
उत्तर – किसी चालक पदार्थ के सिरों के बीच विभावांतर आरोपित करने पर चालक के भीतर मुक्त इलेक्ट्रॉन निम्न विभव वाले सिरे से उच्च विभव वाले सिरे की ओर चलते हैं। यह मुक्त इलेक्ट्रॉन चालक परमाणुओं से टकराते हैं जिससे इलेक्ट्रॉन अपनी ऊर्जा का कुछ अंश को देते हैं। ऊर्जा की यह हानि चालक में ऊष्मा के रूप में प्रकट होती है। इसी अर्थ में चालक में प्रतिरोध उत्पन्न होता है। विभिन्न पदार्थों का प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होता है।
(2) वास्तविक और आभासी प्रतिबिंब में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर – वास्तविक प्रतिबिंब -(i) किसी बिंदु से आने वाली प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती है, वह बिंदु पहले बिंदु का वास्तविक प्रतिबिंब होता है।
(ii) यह किरणों के वास्तविक रूप से कटने पर बनता है।
(iii) यह सदैव उल्टा होता है।
(iv) इसे पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।
आभासी प्रतिबिंब-(i) किसी बिंदु से आने वाली प्रकाश की कितने परावर्तन के बाद जी बिंदु पर मिलती हुई मालूम पड़ती है, वह बिंदु पहले बिंदु का आभासी प्रतिबिंब होता है।
(ii) यह किरणों के वास्तविक रूप से कटने पर नहीं बल्कि उन्हें पीछे बढ़ाने पर जहाँ वे मिलते हैं; वहाँ बनता है।
(iii) यह सदैव सीधा होता है।
(iv) इस पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
(3) उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहा जाता है ?
उत्तर – उत्तल लेंस पर जब प्रकाश की समांतर किरणे अपठित होती है तो लेंस के अपवर्तन के बाद सभी समांतर किरणें एक बिंदु पर मिलती है। स्पष्ट: उत्तल लेंस समांतर किरणों को अभिसारी करता है। इस गुण के कारण ही इस लेंस की अभिसारी लेंस कहा जाता है।
(4) स्वच्छ आकाश का रंग नीला क्यों दिखता है ?
उत्तर – जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है तो वायु के सूक्ष्म मकान लाल रंग की अपेक्षा नीले रंग (छोटे तरंगदेध्र्य) से अधिक प्रबलता से प्रकीर्ण करते हैं। प्रकीणित हुआ नीला प्रकाश हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है। अतः स्वच्छ आकाश नीला प्रतीत होता है।
(5) किसी विद्युत परिपथ में लघुपथन कब होता है ?
उत्तर -जब विद्युन्मय तार (अथवा धनात्मक तार) तथा उदासीन (अथवा ऋणत्मक तार) दोनों सीधे संपर्क में आते हैं तो अतिभारण होता है। ऐसी स्थिति में किसी परिपथ में विद्युत धारा अकस्मात बहुत अधिक हो जाती है। इसी को लघुपथन कहते हैं।
(6) एल .पी. जी (LPG) का पूरा नाम लिखे तथा इसके घटक बताएँ।
उत्तर – LPG का पूरा नाम Liquified petroleum gas है। यह नॉर्मल- ब्यूटेन तथा आइसो- ब्यूटेन का मिश्रण है।
LPG एक उत्तम ईंधन के रूप में उपयोगी है क्योंकि – (i)LPG का कैलोरी मान (55kj/g) से अधिक है।
(ii) यह गैस धुआँ रहित ज्वाला के साथ जलती है क्योंकि इसमें कोई विषैली गैस उत्पन्न नहीं होती है। अर्थात इससे प्रदूषण नहीं होता है।
(iii) LPG के दहन के उपरांत कोई अवशेष नहीं रहता है। अत: है यह एक स्वच्छ घरेलू इंधन है।
(iv) यह ऊष्मा उत्पन्न करने का खर्चीली साधन नहीं है।
(7) पूर्ण आंतरिक परावर्तन से क्या समझते हैं?
उत्तर – यदि प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है और आपतन कोण क्रांतिक कौण से बड़ा हो जाए तब किरण सघन माध्यम में मुड़ जाती है या लौट जाती है जिसे प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं।
(8) सूचक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – वैसे पदार्थ जिसकी उपस्थिति से अम्ल भस्म और उदासीन विलयन का पता चलता है, उसे सूचक कहते हैं। जैसे – लिटमस, मिथाइल, ऑरेंज, फिनाफ्थलीन इत्यादि। सूचक रंजन या रंजको का मिश्रण होता है जिसका उपयोग अम्ल या छारक की उपस्थित सूचित करने में होता है।
(9) पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए ?
उत्तर – दही तथा खट्टे पदार्थों में अम्ल पाया जाता है जो धातु के साथ प्रतिक्रिया करने लवण तथा हाइड्रोजन गैस का निर्माण करता है। जब पीतल एवं ताँबे के बर्तन में दही जैसे खट्टे पदार्थ रखे जाते हैं, तो उससे प्रतिक्रिया करके संक्षारित कर देता है और काॅपर ऑक्साइड उत्पन्न करता है। धातु की सतह से क्रिया कर विषैले यौगिको का निर्माण होता है जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए पीतल एवं ताँबे के बर्तन में इन पदार्थों को नहीं रखना चाहिए।
(10) जीवाश्म क्या है ?
उत्तर – जीव की मृत्यु के बाद उसके शरीर के अपघटन हो जाता है तथा वह समाप्त हो जाता है, परंतु कभी-कभी जीव या उसके कुछ भाग ऐसे वातावरण में चले जाते हैं, जिस कारण इनका अपघटन पूरी तरह से नहीं हो पता है। यदि कोई मृत किट गर्म में मिट्टी में सूखकर कठोर हो जाए तथा उसे किट के शरीर की छाप सुरक्षित रह जाती है, तो उसे जीवाश्म कहते हैं।
10th science pdf | download |