Class 10th social science subjective question

Class 10th social science subjective question 

 

(1) प्रथम विश्व युद्ध के किन्हीं दो कारणों का उल्लेख करें।

उत्तर – (i) प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को आर्क ड्यूक फर्डिनेंड की बोस्निया की राजधानी साराजेबों में हत्या थी।

(ii) संपूर्ण यूरोप गुटों में बँधा था। सभी एक- दूसरे को शक की निगाह से देख रहे थे।

 

(2) 1848 ई० की फ्रांसीसी क्रांति के क्या कारण थे ?

उत्तर – 1848 ई० की फ्रांसीसी क्रांति के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे:

(i) लुई फिलिप की नीति का असफलता।

(ii) मध्यम वर्ग का शासन पर प्रभाव।

(iii) राजनीतिक दलों में संगठन का अभाव।

(iv) समाजवाद का प्रसार। 

इस क्रांति का सबसे महत्वपूर्ण कारण लुई फिलिप की नीति और जनता में उसके प्रति असंतोष था। वह जनता की तत्कालीन समस्याओं को सुलझाने में असमर्थ रहा जिसके कारण क्रांति का सूत्रपात हुआ।

 

(3) हिंद- चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें।

उत्तर – 17वीं शताब्दी में बहुत से फ्रांसीसी व्यापारी पादरी हिंद -चीन पहुंच गए। 1747 ई० के बाद से फ्रांस अन्नाम में रुचि लेने लगा। 1787 ई०में कोचीन को चीन के शासन के साथ संधि का मौका मिला। 19वीं शताब्दी में अन्नाम कोचिंग चीन में फ्रांसीसी पादरियों की बढ़ती गतिविधियों के विरुद्ध उग्र आंदोलन हो रहे थे। फिर भी 1862ई० में अन्नाम को सैन्य बल पर संधि के लिए वाद्य किया गया। उसके अगले वर्ष कंबोडिया भी संरक्षण में ले लिया गया और 1883 ई० में तोकिन में फ्रांसीसी सेवा का प्रवेश हुआ। इसी तरह विश्व शताब्दी के आरंभ तक संपूर्ण हिंद- चीन फ्रांस की अधीनता में आ गया।

 

(4) राॅलेट एक्ट से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर – लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने न्यायाधीश सिडनी राॅलेट की अध्यक्षता में एक समिति की नियुक्ति की जिसकी अनुशंसा पर 25 मार्च 1919 ई० को राॉलेट एक्ट पारित हुआ। इसके अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को अमान्य साक्ष्य और बिना वारंट के भी गिरफ्तार किया जा सकता था। इसके विरुद्ध कोई अपील नहीं की जा सकती थी। भारतीय नेताओं के विरोध के बाद भी यह विधेयक लागू कर दिया गया। 

 

(5) भूमंडलीकरण के भारत पर प्रभावों को स्पष्ट करें।

उत्तर – भूमंडलीकरण का भारत पर व्यापक प्रभाव पड़ा। 1991 ई ० की आर्थिक नीति की घोषणा के बाद भारत में पूँजी -निवेश और व्यापार में काफी इजाफा हुआ है। पूँजी निवेश के कारण देश में अधिक विकास की गति तीव्र हुई।

भूमंडलीकरण के कारण देश में सेवा क्षेत्र का काफी तीव्र गति से गिरफ्तार हुआ, जिससे जीवनीकोपार्जन के कई नए क्षेत्र खुले हैं। सेवा क्षेत्र के अंतर्गत बैंकिंग, बीमा, संचार, व्यापार आदि क्षेत्र में भारत आज विश्व का अग्रणी देश है। आज भारतीय कंपनियाँ विश्व स्तर पर अपना दबदबा कायम कर रही है। वैश्विक स्तर पर भारत के लिए रोजगार के नए-नए अवसर खुले हैं।

 

(6) दांडी यात्रा का उद्देश्य क्या था ?

उत्तर – गाँधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत दांडी यात्रा से की दांडी यात्रा का उद्देश्य समुद्र के पानी से नमक बनाकर कानून का उल्लंघन करता था। पूरे देश में नमक कानून का उल्लंघन किया गया।

 

(7) उपनिवेशवाद से क्या समझते हैं? औद्योगीकरण से उपनिवास को जन्म दिया। कैसे? 

उत्तर – मशीनों के आविष्कार तथा फैक्ट्री की स्थापना से उत्पादन में काफी वृद्धि हुई। उत्पादित वस्तुओं की खपत के लिए नई बाजार की आवश्यकता थी। इससे उपनिवेशवाद को बढ़ावा मिला। उपनिवेशवाद में तकनीकी रूप से कमजोर देश पर आर्थिक नियंत्रण स्थापित किया जाता है। इसी क्रम में भारत ब्रिटेन के एक विशाल उपनिवेश के रूप में उभरा है। संसाधन की प्रचुरता ने उन्हीं भारत की तरफ व्यापार करने के लिए आकर्षित किया। भारत ब्रिटेन के लिए एक वृहद बाजार के रूप में उभरा।

18 वीं शताब्दी तक भारतीय उद्योग विश्व में सबसे अधिक विकसित थे। भारत विश्व की सबसे बड़ी कार्यशाला था जो बहुत ही सुंदर और उपयोगी वस्तुओं का उत्पादन करता था। 

 

(8) व्यावसायिक पूँजीवाद ने किस प्रकार नगरों के उद्भव में अपना योगदान दिया है ?

उत्तर – उद्योगों में पूँजी लगाने वाले वे ही लगे थे , जो व्यवहार- व्यवसाय से काफी पूँजी एकत्र कर चुके थे। ये जहाँ अपना व्यवसाय करते थे, पहले वह जो गाँव ही था। बाद में कस्बा बन गया। कस्बा ही विकसित होकर नगर के रूप में बदल गए। वहां सीधी और सपाट सरकें बनी आगंतुकों के आवास के लिए धर्मशालाएँ बनी। धीरे-धीरे वह नगर किसी खास वास्तु के व्यवसाय का केंद्र बन गया। अतः स्पष्ट है की व्यावसायिक पूंजीवाद ने ही नगरों के उद्भव में अपना योगदान दिया।

 

(9) पांडुलिपि क्या है? इसकी क्या उपयोगिता है ?

उत्तर – भारत में छापाखाना के विकास के पहले हाथ से लिखकर पांडुलिपियों को तैयार करने की पुरानी और समृद्ध परंपरा थी। यहाँ संस्कृत अरबी एवं फारसी साहित्य की अनेकानेक तस्वीरयुक्त, सुलेखन कल से परिपूर्ण साहित्यिकों की रचनाएँ होती रहती थीँ। इन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए सजील्द भी किया जाता था। फिर भी पांडुलिपियाँ काफी नाजुक और महंगी होती थी। पांडुलिपियों की बनावट कठिन होने एवं प्रचुरता से उपलब्ध नहीं होने के कारण यह आम जनता की पहुँच के बाहर थीं।

 

(10) लॉर्ड लिटन ने आंदोलन को गतिमान कैसे बनाया ?

उत्तर – अंग्रेजी समाचार पत्र सरकार का सदैव समर्थन करते थे। लेकिन देसी समाचारपत्रों ने साम्राज्यवादी नीतियों के विरुद्ध राष्ट्रवादी भावनाओं को उत्पन्न किया। सरकार और सरकारी अपव्यय की खबरों ने जनता के बीच भारी असंतोष को जन्म दिया।

लिटन यह समझता था कि यह असंतोष का कारण मैकलो और मेटकॉक की नदियाँ है। फलत: उसने 1878 ई ० मैं देसीभाषा समाचारपत्र अधिनियम के माध्यम से समाचारपत्रों को अधिक नियंत्रण में लाने का प्रयत्न किया। परंतु राष्ट्रीय स्तर पर इसका मुख्य विरोध हुआ जिससे राष्ट्रीयता की भावना पंक्ति और जन- असंतोष में और उबाल लाने का काम किया।

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