Class 10th Sanskrit vvi subjective question

Class 10th Sanskrit vvi subjective question

 

(1) कुल की रक्षा कैसे होती है ?

उत्तर – व्यक्ति के अच्छे आचरण से वंश या कल की रक्षा होती है।

(2) पंडित किसे कहा जाता है ?

उत्तर – सभी जीवों के तत्व को जानने वाले अपने कर्म को योग के तरह जानने वाले और मनुष्य के उपाय को जानने वाले मनुष्य पंडित है। यह पंडितों के लक्षण है।

(3) नदी और विद्वान में क्या समानता है?

उत्तर – जिस प्रकार प्रवाहित नदियाँ समुद्र में मिलकर उसका आकार ग्रहण कर लेती है। इस प्रकार विद्वान ईश्वर के दिव्य प्रकाश में मिलकर जीवयोनि से मुक्त हो जाता है।

 

(4) वर्तमान पटना के वैभव का वर्णन अपने शब्दों में करें।

उत्तर – आजकल पटना नगर अत्यंत विशाल और बिहार की राजधानी है। दिन -प्रतिदिन इस नगर का विस्तार होता जा रहा है। गंगा के पावन तट पर बसा हुआ यह नगर अपनी प्राचीन सभ्यताओं के साथ आज भी परिपूर्ण दिखाई देता है। संग्रहालय, सचिवालय, गोलघर, तारामंडल, जैविक उद्यान, मौर्यकालिक अवशेष, महावीर मंदिर आदि यहाँ दर्शनीय स्थल है। सिख संप्रदाय के दसवें गुरुगोविंद सिंह का जन्म -स्थल गुरुद्वारा के नाम से प्रसिद्ध है।

 

(5) कलशकथा पाठ के आधार पर बताइए कि आलसी पुरुषों को किसने और क्यों निकाला?

उत्तर – आग लगने पर भी चारों आली घर में ही थे। वे परस्पर बातचीत कर रहे थे कि हल्का क्यों हो रहा है? मालूम पड़ता है कि घर में आग लग गई है। वह एक- दूसरे को चुप रहने की सलाह दे रहे थे। उसे सुनकर योगी पुरुष ने उनके केशों को पड़कर धकेलते हुए उन चारों को बाहर निकाला, क्योंकि ऐसा नहीं करने से वे चारों आलसी आग

में जल जाते हैं।

 

(6) संस्कृत साहित्य में महिलाओं के योगदान का वर्णन करें।

उत्तर – समाज रूपी गाड़ी पुरुषों एवं स्त्रियों के द्वारा चलती है। संस्कृत साहित्य में प्राचीन काल से ही साहित्य समृद्धि में स्त्रियों की भूमिका है सराहनीय है। वैदिक युग में मंत्रों के वाचक न केवल ऋषि अपितु ऋषिकाएँ भी है।यमी, अपला, इंद्राणी, उर्वशी एवं मैत्रेयी स्त्रियों के मंत्रदर्शन आज के जाज्वल्यमान नक्षत्र की भांति दीप्तिमान है। याज्ञवल्क्य की पत्नी ने स्वयं अपने पति से आत्म तत्व की शिक्षा ली है। जनक की सभा को बढ़ाने वाली गार्गी का नाम बड़े आदर से लिया जाता है। लौकिक साहित्य में भी विदुषी क्षमाराव अत्यंत प्रसिद्ध है।

 

(7) विवाह संस्कार एक पवित्र संस्कार है, कैसे? स्पष्ट करें

उत्तर – विवाह संस्कार एक पवित्र संस्कार माना जाता है। क्योंकि इसी संस्कार से लोग गृहस्थ जीवन में प्रवेश करते हैं। इस संस्कार में अनेक प्रकार के कर्मकांड होते हैं। इसमें वाग्दन, मंडप- निर्माण, मधूगिरीह में वरपक्ष का स्वागत, वर- वधू का परस्पर निरीक्षण, कन्यादान, अग्निस्थापन, पानिग्रहण, लाजाहोम, सिंदूरदान इत्यादि कई कर्मकांड शामिल है। सभी जगह प्रायः एक समान विवाह संस्कार का आयोजन होता है।

 

(8) कर्मवीर कथा पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर – कर्मवीर कथा पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि गाँव में रहने वाले दलित निर्धन छात्र भी मेहनत करने पर सर्वोच्च स्थान पर पहुँच सकते हैं। लगन धैर्य उत्साह और कठिन परिश्रम से मनुष्य किसी भी कठिनाई पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

 

(9) स्वामी दयानंद समाज के महान उद्धारक थे, कैसे?

उत्तर – स्वामी दयानंद ने समाज के उद्धार के लिए स्त्री शिक्षा पर बल दिया और विधवा विवाह हेतु समाज को प्रोत्साहित किया। उन्होंने बाल- विवाह समाप्त कराने, मूर्ति पूजा का विरोध और छुआछूत समाप्त कराने का प्रयत्न क्या है।

 

(10) व्याघ्रपथिक कथा पाठ का पाँच वाक्य में परिचय दें।

उत्तर – यह कथा नारायणपंडित रचित प्रसिद्ध नीतिकथाग्रंथ हितोपदेश के प्रथम भाग मित्रलाभ से संकलित है। इस कथा में लोभाविष्ट व्यक्ति की दुर्दशा का निरूपण है। आज के समय में छल छद्म का वातावरण विद्यमान है जहाँ अल्प के लोभ से आकृष्ट होकर लोग अपने प्राण और सम्मान से वंचित हो जाते हैं। इस कथा में एक बाघ की जाल में फँसकर एक लोभी पथिक उसके द्वारा मारा गया।

 

(11) भारत महिमा के अनुसार बताएँ कि हमारी मातृभूमि कैसी है ?

उत्तर – भारतवर्ष प्रसिद्ध राष्ट्र है। यह निर्मला वात्सला मातृभूमि वाली है। यहाँ एकता में जीवन संचालित होती है। यहाँ धरती सोना उपजति है। गंगा यमुना जैसी पवित्र नदियाँ यहाँ बहती है। हमारी मातृभूमि हर तरह से भरी पूरी है।

 

(12) नीतीशलोका: पाठ के अनुसार कौन सा तीन वस्तु त्याज्य है?

उत्तर – नरक की त्रिविध त्याज्य वास्तु काम , क्रोध एवं लाभ है। इसमें लिप्त रहने वाले का नाश हो जाता है। अपने को बचाने के लिए इन तीनों को जीवन से हटा देना चाहिए। इनके बिना ही जीवन पथ पर शांति एवं सफलतापूर्वक चला जा सकता है।

 

(13) शास्त्रकारा: पाठ के आधार पर संस्कृत की विशेषता बताएँ।

उत्तर – संस्कृत ज्ञान का समुद्र है। यह देववानी है। यह कर्तव्य और अकर्तव्य की शिक्षा देती है। वेदांत भी संस्कृत रूप है। योगदर्शन, न्यायदर्शन, मीमांसादर्शन, आदि सभी संस्कृत की व्यापकता ही है। आर्यभट्टीय विज्ञान गणित की पृष्ठभूमि है। भारतीय शास्त्रकार प्रया: संस्कृत में ही लिखित है।

 

(14) 1893 में विश्व धर्म सम्मेलन कहाँ हुआ था। 

उत्तर – अमेरिका के शिकागो शहर में विश्व धर्म सम्मेलन 1893 ई में हुआ था।

 

(15) नरक के तीन द्वारा कौन-कौन से हैं ?

उत्तर – नरक के तीन द्वारा इस प्रकार से हैं -काम, क्रोध, लोभ।

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