मेरा प्रिय खेल या खेल का महत्व पर निबंध लिखें

मेरा प्रिय खेल या खेल का महत्व पर निबंध लिखें

 

भूमिका – ऐसे तो संसार में अनेक खेल हैं। किन्तु मेरा प्रिय खेल क्रिकेट है। क्रिकेट का खेल अंतरराष्ट्रीय महत्व का खेल है। पहले केवल अँग्रेजी स्कूल और कॉलेज के छात्र ही इसमें अभिरुचि लेते थे। परन्तु इस समय तो छात्रों के अतिरिक्त युवा और प्रौढ़ नागरिक भी इसमें रुचि लेने लगे हैं। आज शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी इस खेल का बोलबाला है।

खेल का महत्व – अंग्रेज भारत में अकेले नहीं आयें, अपितु अपने साथ भाषा, अपनी संस्कृति और सभ्यता तथा खेल भी लाये। स्वामी विवेकानंद ने अपने देश के नवयुवकों को संबोधित करते हुए कहा था कि सर्वप्रथम नवयुवकों को बलवान बनना चाहिए, धर्म उसके पीछे आ जाएगा। उनके कथन से स्पष्ट है कि शरीर को स्वस्थ तथा हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए खेलने अनिवार्य है।

खेल के लाभ : अच्छा स्वास्थ्य और अच्छी समझ जीवन के दो सर्वोत्तम वरदान है। इन दोनों की प्राप्ति के लिए जीवन में खिलाड़ी की भावना से खेल खेलना आवश्यक है। खेलने से शेयर पुष्ट होता है। माँसपेशियाँ उभरती है, भूख बढ़ती है, आलस्य दूर होता है, खेल खेलने से मनुष्य को संघर्ष करने की आदत पड़ती है। उसकी जुझारू शक्ति उसे नवजीवन प्रदान करती है। खेल हमें अनुशासन, संगठन, पारस्परिक सहयोग, साहस, विश्वास आदि की शिक्षा प्रदान करता है।

खेल से हानि – विद्यार्थी में खेल के प्रति अत्यधिक आसक्ति पठन-पाठन से मुख मोड़ लेती है। विद्यार्थी असहज और निरुद्देश्य बनकर अपना समय व्यतीत करने लगता है।

उपसंहार – अतः उपसंहार स्वरूप हम कह सकते हैं कि खेलों से मनुष्य में अनेक उदान्त भावनाओं का जन्म होता है, जिसमें वह जीवन संग्राम में सफलता प्राप्त करता हुआ जीवन के वास्तविक उद्देश्य की प्राप्ति करता है।

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