Social science class 10 subjective question
(1) जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर – जर्मनी के एकीकरण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका बिस्मार्क की रही। उसने सुधार एवं कूटनीति के तहत एकीकरण का प्रयास किया। वह प्रशा का चांसलर था । उन्होंने रक्त और लौह नीति का पालन किया। सर्वप्रथम उसने फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया से संधि कर डेनमार्क पर अंकुश लगाया। 1864 ई में उसने डेनमार्क पर आक्रमण श्लेसविंग और हाल्सटाइन को अपने अधीन कर लिया। बिस्मार्क ने फ्रांस से संधि कर 1866 ई० में सेडोवा के युद्ध में ऑस्ट्रेलिया को पराजित किया। अंततः 1870 ई० में सेडान के युद्ध में फ्रांस को पराजित कर फ्रैंकपर्ट की संधि की और फ्रांस की अधीनता वाले सारे राज्यों को जर्मनी में मिलाकर जर्मनी का एकीकरण पूरा किया।
(2) साम्यवाद एक नई आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था थी। कैसे ?
उत्तर – 1917 ई ० से पूर्व रूस में राजतंत्रीय शासन व्यवस्था स्थापित था। रूस के सम्राट को जार कहा जाता था। जरशाही शासन निरंकुशता का प्रतीक था। किसानों मजदूरों और सामान्य लोगों का जीवन अत्यंत ही दयनीय था। अतः 1917 ई० में लेनिन के नेतृत्व में समाजवादी क्रांति हुई जिसमें सन्ता की बागडोर सर्वहारा (अर्थात कृषक मजदूर और जनसामान्य) के हाथों में आ गई। उत्पादन पर अब पूरे समाज का अधिकार हो गया। अतः हम कह सकते हैं कि साम्यवाद एक नई आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था थी।
(3) हो- ची- मिन्ह के बारे में संक्षिप्त में लिखें।
उत्तर – 1917 ईस्वी में हो- ची- मिन्ह (एक वियतनामी छात्र) ने पेरिस में साम्यवादियों का एक गुट बनाया। बाद में हो- ची- मिन्ह शिक्षा प्राप्त करने मास्को गया और साम्यवाद से प्रेरित होकर 1925 ई० में वियतनामी क्रांति दल का गठन किया। अंततः 1930 ईस्वी में वियतनाम के बिखरे राष्ट्रवादी गुटों को एकजुट कर वियतनाम कांग सान देंगे अर्थात वियतनाम कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की जो पूर्णत: उग्र विचारों पर चलने वाली पार्टी थी। 1954 ईस्वी में जिनेवा समझौता के तहत वियतनाम को दो भागों में बाँट दिया गया उत्तरी वियतनाम में हो- ची- मिन्ह की सरकार बनी।
(4) अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कैसे हुई ? इसके प्रारंभिक उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर – भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की शुरुआत 19वीं शताब्दी के अंतिम चरण में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से माना जाता है। इस संगठन के गठन के पूर्व आंदोलन शिक्षित मध्यम वर्ग में निहित था। परन्तु आगे चलकर अनेक भारतीय वर्गों की सहानुभूति इसे प्राप्त होने लगी। इसी समय लॉर्ड लिटन द्वारा बनाए गए प्रेस अधिनियम और शस्त्र अधिनियम का तथा इंडियन एसोसिएशन द्वारा रेंट बिल का विरोध किया जा रहा था। सरकार को मजबूर होकर प्रेस अधिनियम वापस लेना पड़ा। यद्यपि अभी तक कोई अखिल भारतीय संगठन नहीं था। फिर भी इस जीत मैं भारतीय राष्ट्रवादियों को एकत्रित करने के लिए प्रोत्साहित क्या। एक अखिल भारतीय राजनीतिक संगठन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ए० ओ० ह्यूमन मैं 28 दिसंबर 1885 को भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना की।
(5) कोयला एवं लोह उद्योग में औद्योगिकीकरण को गति प्रदान की। कैसे?
उत्तर – उद्योग की प्रगति कोयल एवं लोहे के उद्योग पर बहुत अधिक निर्भर करती है। लोहे से नए-नए यंत्रों का निर्माण होता है और कोयले से ऊर्जा पैदा की जाती है, जिससे ये यंत्र चलाए जाते हैं। अतः नए उद्योगों के निर्माण की प्रक्रिया में कोयला एवं लोह उद्योग गति प्रदान करते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि कोयला एवं लौह उद्योग ने औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया को गति प्रदान की। 1815 ई० में हेनरी बेसेमर ने लोहा को गलाने की भट्टी का आविष्कार किया। नई-नई मशीनों को बनाने के लिए लोहे की आवश्यकता बढ़ती गई। नवीन आविष्कारों के कारण लोहे का उत्पादन बड़े पैमाने पर होने लगा जिससे आने वाले युग को इस्पात युग भी कहा गया।
(6) राॅलेट एक्ट से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – लॉर्ड जेम्सफोड ने न्यायाधीश सिडनी राॅलेट की अध्यक्षता में एक समिति की नियुक्ति की जिसकी अनुशंसा पर 25 मार्च 1919 ई को राॅलेट एक पारित हुआ। इसके अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को अमान्य साक्ष्य और बिना वारंट के भी गिरफ्तार किया जा सकता था। इसके विरुध कोई अपील नहीं की जा सकती थी। भारतीय नेताओं के विरोध के बाद भी यह विधेयक लागू कर दिया गया।
(7) यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ है?
उत्तर – नेपोलियन के समय इटली और जर्मनी मात्र एक भौगोलिक अभिव्यक्ति थे। नेपोलियन ने अनजाने में (अप्रत्यक्ष रूप से) इटली एवं जर्मनी के छोटे-छोटे विभाजित प्रांतों का एकीकरण कर दिया था। दोनों राज्यों को एक संगठित राजनीतिक रूप देने का प्रयास किया। दोनों देशों में राष्ट्रीयता की भावनाओं को जागृत किया। नेपोलियन ने समानता एवं भ्रातृत्व पर आधारित नवीन समाज का निर्माण इन देशों में कर दिया। इस दृष्टि कौन से हम नेपोलियन को क्रांति का वास्तविक अग्र दूत कह सकते हैं जिसने यूरोप के दो राष्ट्रों को संगठित होने के लिए प्रेरणा दी।
(8) समाजवाद तथा साम्यवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – समाजवाद धन और संपत्ति के वितरण में समाज के सब सदस्यों को समान मानने की राजनीतिक विचारधारा है। साम्यवाद कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित तथा साम्यवादी घोषणा पत्र में वर्णित समाजवाद की चरम परिनीति है। इसके रचनात्मक स्तर पर एक समतामूलक वर्गविहीन समाज की स्थापना की जाएगी। इसमें अधिकार एवं कर्तव्य में आत्मार्पित समुदाय एक सामंजस्य स्थापित होगा।
(9) हो- की- मिन्ह मार्ग क्या है ?
उत्तर – वियतनामियों को रसद सप्लाई मार्ग हो- ची- मिन्ह मार्ग था। वस्तुत: हो- ची- मिन्ह मार्ग हनोई से चलकर लाओस कंबोडिया के सीमा क्षेत्र से गुजरा हुआ दक्षिणी वियतनाम तक जाता था जिससे सैकड़ो कच्ची पक्की सड़कें निकालकर पूरे वियतनाम से जुड़ी थी। अमेरिका सैकड़ो बार इस पर बमबारी कर चुका था। परन्तु वियतनाम एवं उसके समर्थित लोग तुरंत इसकी मरम्मत कर लेते थे। इसी मार्ग पर नियंत्रण के चक्कर में अमेरिका ने लाओस कंबोडिया पर आक्रमण भी कर दिया था। परंतु तीन तरफ संघर्ष से उसे वापस होना पड़ा था।
(10) कुटीर उद्योग का महत्व क्या है? संक्षेप में लिखें
उत्तर – आर्थिक रूप से विकासशील देशों के लिए कुटीर उद्योग एक महत्त्वपूर्ण दिशा तय करता है। कुटीर एवं लघु उद्योग देश के गांव में भी रोजगार उपलब्ध कराकर लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत करता है। कृषक भी कुटीर उद्योग के माध्यम से अपनी मूल कार्य को करते हुए अपनी आय को बढ़ा सकता है।