Class 10th Sanskrit subjective question

Class 10th Sanskrit subjective question

 

(1) विश्व में अशान्ति के क्या कारण है ?

उत्तर – अशान्ति मानव जीवन को नरक बना देती है। वास्तव में अशांति के दो मूल कारण है – द्वेष और असहिष्णुता। उत्पन्न होती है। स्वार्थ से अशांति बढ़ती है। इस अशांति को वेर से नहीं रोका जा सकता है, बल्कि यही दोष वैर और अशान्ति के मूल कारण है। करुणा और मित्रता से ही वैर को नष्ट कर संसार में शांति स्थापित की जा सकती है। 

 

(2) भारतमहिमा पाठ के आधार पर भारत की विशेषताओं का वर्णन करें।

उत्तर – भारतमहिमा पाठ में भारत की विशेषताओं का वर्णन करते हुए कवि कहते हैं कि यह भारतभूमि सदैव पवित्र और ममतामयी है। यह धरती विशाल स्मरणीय, रूपवाली, शुभस्वरूपा और बहुत सुंदर ऐश्वर्या वाली है। यह भारत भूमि सगरो वनों पर्वतों झरनों तथा बहती हुई नदियों से सदा सेवित है।

 

(3) नीतीशलोक: का पाठ के आधार पर नराधम के लक्षण लिखें।

उत्तर – बिना बोले प्रवेश करने वाला बिना पूछे बहुत बोलने वाला अविश्वासी व्यक्ति नराधम हम है। ऐसे नराधम से सदा दूरी बनाकर रखनी चाहिए। ऐसा व्यक्ति धोखेबाज हो सकता है।

 

(4) कर्णस्य दानवीरता पाठ के नाटककार कौन है ? कर्ण किनका पुत्र था तथा उन्होंने इंद्र को दान में क्या दिया ?

उत्तर – इस पाठ के नाटककार भाष है। कर्ण सूर्य का पुत्र था। उन्होंने इंद्र को दान में अपनी रक्षा के लिए मिला कवच और कुंडल दे दिया। कर्ण जैसे दानवीर धरती पर पैदा नहीं हुआ।

 

(5) वेदांङ् कितने हैं ? उनके प्रवर्तकों एवं शास्त्रों के नाम लिखें।

उत्तर – वेदांङ् छः है – शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द एवं ज्योतिष। शिक्षा उच्चारण प्रक्रिया का बोध कराता है। इसके प्रवर्तक पाणिनी है। कल्प अंग में सूत्रात्मक कर्मकांड ग्रंथ है, जिसके प्रवर्तक बोधायन भारद्वाज, गौतम वशिष्ठ आदि ऋषि है। निरुक्त वेद अर्थ का बोध कराता है, जिसके प्रवर्तक यास्क है। छन्द अङ्ग सूत्र ग्रन्थ है, जिसके प्रवर्तक पिङ्गल है तथा ज्योतिष अङ्ग के प्रवर्तक लगधर ऋषि है।

 

(6) भीष्मप्रतिज्ञा पाठ से क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर – भीष्मप्रतिज्ञा पाठ में भीष्म की पितृभक्ति दर्शायी गई है। उनके त्याग की चर्चा की गई है। पिता के मन को सुखी रखना के लिए आजीवन राज सिंहासन का त्याग एवं आजीवन ब्रह्मचर्य- धर्म- निर्वाहन का व्रत लेना बहुत कठिन कार्य है। लेकिन पिता सुखी रहें इसके लिए देवव्रत को यह कार्य सरल लगा। अतः प्रेरणा मिलती है कि माता-पिता सर्वोपरि है, साथ ही त्याग के लिए संकल्प शक्ति आवश्यक है।

 

(7) असहिष्णुता का कारण- निवारण बताएँ।

उत्तर – एक देश दूसरे देश की उन्नति देखकर जलते हैं और इससे भी असहिष्णुता उत्पन्न होती है। विश्व में शांति स्थापित करके असहिष्णुता को समाप्त किया जा सकता है।

 

(8) किस कारण से मंदाकिनी का जल कलुषित हो गया है?

उत्तर – हरिणसमूह द्वारा पिए गए जल गंदे हो गए जो मां को मोहित करने वाले तीर्थो के प्रति मेरे प्रेम को जगा रहे हैं। अर्थात वहाँ की रमणीयता पवित्रता एवं प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर मेरे मन में प्रेम रस का संचार करने लगे हैं।

 

(9) मध्यकाल में भारतीय समाज क्यों दूषित हो गया था ?

उत्तर – मध्यकाल में अनेक गलत (बुरी) रीतियों के कारण भारतीय समाज दूषित हो गया था। छुआछूत मूर्ति पूजा स्त्री शिक्षा का अभाव धर्म कार्यों में आडंबर जातिवाद विधवाओं की निंदित स्थिति आदि कुरीतियाँ भारतीय समाज में फैली हुई थी।

 

(10) सोने के कंगण को देखकर पथिक ने क्या सोचा ?

उत्तर – सोने के कंगण को देखकर पथिक ने सोचा कि यह भाग्य से ही संभव होता है। किंतु इसमें आत्मसंदेह वाले कार्य में झुकाव नहीं करनी चाहिए।

 

(11) लसकथा पाठ के आधार पर लेखक के विचार स्पष्ट करें।

उत्तर – अलाकथा पाठ में लेखक विद्यापति अपने विचार को स्पष्ट करते हुए कहते हैं की आलसी व्यक्ति बिना परिश्रम किए हुए जीवन व्यतीत करना चाहता है। कारूणिक व्यक्ति के बिना वह अपने को मौत से भी नहीं बचा पाता है। अलस्य शत्रु के समान है।

 

(12) संस्कृतसाहित्ये लेखिका: पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर – संस्कृतसाहित्ये लेखिका: पाठ से लेखक का स्पष्ट संदेश मिलता है कि महिला और पुरुष दोनों के योगदान से ही समाज की गाड़ी चलती है। साहित्य में भी दोनों का समान महत्व है। इस पाठ में यामी, आपला, उर्वशी, इंद्राणी, मैत्रेयी,विजयाङा एवं क्षमता राव जैसी आदि अतिप्रसिद्ध विदुषी लेखिकाओं की चर्चा है।

 

(13) भारतीय संस्कार का वर्णन किस रूप में हुआ है ?

उत्तर – भारतीय संस्कृति अनूठी है। जन्म से पूर्व संस्कारों से लेकर मृत्यु के बाद अंत्येष्टि संस्कार का अनुपम उदाहरण संसार के अन्य देशों में नहीं है। यहां की संस्कृति की विशेषता है कि जीवन में यहाँ समय-समय पर संस्कार मनाए जाते हैं। आज संस्कार सीमित एवं व्यंग्य रूप में प्रयोग किया जा रहे हैं। संस्कार व्यक्तित्व की रचना करता है। प्राचीन संस्कृति का ज्ञान संस्कार से ही उत्पन्न होता है। संस्कार मानव में परिमार्जन देशों को दूर करने और गुनों के समावेश करने में योगदान करते हैं।

 

(14) भीखनटोला में आर्थिक स्थिति एवं जीवन शैली कैसी थी ?

उत्तर – भीखनटोला बिहार राज्य के दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित है। यहाँ के लोग प्रायः निर्धन और अशिक्षित हैं तथा कष्टमय जीवन बिताते हैं। कुछ अत्यंत निर्धन परिवार गाँव के बाहर टूटी कुटियाओं में रहते हैं भीखनटोला से लगभग एक कोस की दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय है।

 

(15) स्वामी दयानंद समाज सुधारक थे कैसे ? हिंदी के पाँच वाक्य में उत्तर दें।

उत्तर – स्वामी दयानंद ने समाज की कुरीतियों को दूर कर सुधारात्मक कार्य किया। इन्होंने जातिवाद की विषमताओं को हटाया। छुआछूत की परंपरा को दूर किया। स्त्रियों को हो रही दुर्दशा को रोका स्त्री शिक्षा को बढ़ावा दिया और विधवा स्थिति को सुधारा।

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