Class 10th science subjective question

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(1) अबिन्दुकता क्या है ? समझावें ।

उत्तर – आँख के अंदर सामने की सतह पर या लेंस की गोलीई पढर शंकु जैसे रचनाएँ और अपर्याप्त मात्रा में हो जाती है। जिससे वह व्यक्ति विशेष रंगों की पहचान नहीं कर पता है इसे अबिन्दुकता कहते हैं। यह रोग वंशानुगत होता है। इस रोग का उपचार बेलनाकार दर्पण के द्वारा किया जाता है।

(2) प्रकाश का अपवर्तन क्या है? 

उत्तर – प्रकाश किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में गमन करने पर अपने मूल पथ से मुड़ जाती है, इसे प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं।

(3) किसी चालक का प्रतिरोध किन-किन बातों पर निर्भर करता है ?

उत्तर -किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है –

(i) चालक की लंबाई पर – चालक का प्रतिरोध उस चालक की लंबाई का सीधा समानुपाती होता है अर्थात चालक की लंबाई बढ़ने पर उसका प्रतिरोध बढ़ता है।

(ii) चालक के अनुप्रस्थ प्रतिच्छेद के क्षेत्रफल पर- चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ प्रतिच्छेद के क्षेत्रफल का व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात चालक के अनुप्रस्थ प्रतिच्छेद के क्षेत्रफल बढ़ने पर उसे चालक का प्रतिरोध घटना है।

(iii) चालक की प्रकृति पर – चालक का प्रतिरोध चालक पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। अर्थात अलग-अलग चालक पदार्थ का प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होता है।

(iv) चालक के ताप पर -चालक पदार्थ का प्रतिरोध उसे पदार्थ के ताप पर निर्भर करता है। प्राय: चालक पदार्थ के ताप बढ़ने से उसे पदार्थ का प्रतिरोध बढ़ता है।

(4) S.I मात्रक के साथ विद्युत धारा विभावांतर और प्रतिरोध को परिभाषित करें।

उत्तर – विद्युत धारा -किसी चालक में प्रवाहित होनेवाले आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं। विद्युत धारा का S.I मात्रक ऐम्पीयर (A) होता है और इसे एमीटर से मापा जाता है।

विभावांतर -इकाई धन आवेश को विद्युतीय क्षेत्र के किसी एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किए गए कार्य की मात्रा को विभावांतर कहते हैं। इसका S.I मात्रक वोल्ट होता है।

प्रतिरोध -चालक पदार्थ का वह गुण जो उसे पदार्थ से होकर प्रभावित होने वाली विद्युत धारा का प्रतिरोध करता है, प्रतिरोध कहलाता है। इसका S.I मात्रक ओम होता है।

(5) फ्लेमिंग के वाम- हस्त नियम को लिखें।

उत्तर -चुंबकीय क्षेत्र द्वारा धारावाही चालक पर लगे बाल की दिशा फ्लेमिंग के वाम- हस्त नियम से मिलती है-

बाएँ हाथ से अंगूठा, तर्जनी और मध्यम उँगली को परस्पर समकोनिक रखें। यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा का संकेत करती हो और मध्यमा विद्युत- धारा की दिशा का तो अंगूठा चालक की गति या उस पर लगे बल की की दिशा का संकेत करेगा। यह नियम मोटर का नियम भी कहलाता है।

(6) नाभिकीय विखंडन अभिप्राय क्या है?

उत्तर – नाभिकीय ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए जो प्रक्रिया का उपयोग होता है उसे नाभिकीय विखंडन अभिप्राय कहा जाता है इसमें रेडियोसक्रिय तत्व यूरेनियम, प्लूटोनियम या थोरियम जैसे भारी परमाणु निम्न ऊर्जा न्यूट्रॉनों द्वारा बमवमिर्मत होते हैं तो ये हल्के नाभिकों में टूट जाते हैं और ऊर्जा की विशाल मात्रा उत्पन्न होती है। यह अभिक्रिया नाभिक के विखंडन कहलाती है।

(7) अवतल लेंस को अपसारी लेंस क्यों कहा जाता है?

उत्तर – जब प्रकाश की समांतर करणे किसी अवतल लेंस पर आपतित होती है तो लेंस के अपवर्तन के बाद ये समांतर किरणें आपस में एक दूसरे से फैलती जाती है, अर्थात ऐसा लेंस करनणों को अपसारित करता है। इसी गुण के कारण अवतल लेंस को अपसारी लेंस कहते हैं।

(8) विद्युत जनरेटर (जनित्र) से आप क्या समझते हैं?

उत्तर – विद्युत जनित्र एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करती है। इसमें यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है। फ्लेमिंग के दक्षिण हस्त नियम से प्रेरित धारा की दिशा ज्ञात करते हैं। इस यंत्र में आर्मेचर को शक्तिशाली चुंबकों के ध्रुवों के बीच घुमाया जाता है, जिसमें आर्मेचर से गुजरने वाला चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की संख्या में परिवर्तन होता है और प्रेरित धारा उत्पन्न होती है।

(9) हमारे अमावस्या में अम्ल की भूमिका क्या है ?

उत्तर – हमारे आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल जठर ग्रंथियों से स्रावित होता है और भोजन में अम्लीय माध्यम प्रस्तुत करता है जिससे जठर रस का पेप्सिन नामक एंजाइम अम्लीय माध्यम में कार्य कर सकें। यह भजन में उपस्थित रोगाणुओं को अक्रियाशील एवं नष्ट करता है। यह भोजन को शीघ्रता से बचना नहीं देता।

(10) पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है।?

उत्तर – पादपो में रासायनिक सामनव्य पादप हार्मोनों के द्वारा होता है। पादप विशिष्ट हार्मोनों को उत्पन्न करते हैं; जो उसके विशेष भागों को प्रभावित करते हैं। पादपो में प्ररोह प्रकाश के आने की दिशा की ओर ही बढ़ता है। गुरुत्वनुवर्तन जड़ों को नीचे की ओर मोड़कर अनुक्रिया करता है। इसी प्रकार जलानुवर्तन और रसायनानुवतन होता है। पराग नलिका का बीजांड की और वृद्धि करना रसायननुवतन का उदाहरण है।

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