Class 10 Sanskrit subjective question

Class 10 Sanskrit subjective question

(1) भारतमहिमा पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है ?

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उत्तर – भारतमहिमा पाठ से हमें संदेश मिलता है कि हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए हम भारतीयों को हरि की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति का भी अवसर प्राप्त हुआ है। हमें सच्चा देशभक्त होना चाहिए और अन्य भारतीयों से मिल जुलकर एवं प्रेमपूर्वक रहना चाहिए।

 

(2) नीतिशलोका: पाठ का पाँच वाक्य में परिचय दें।

उत्तर – इस पाठ में व्यास रचित महाभारत के उद्योग पर्व के अंतर्गत 8 अध्यायों की प्रसिद्ध विदुरनीति से संकलित दस श्लोक हैं। महाभारत युद्ध के आरंभ में धृतराष्ट्र ने अपनी चिंन्तशान्ति के लिए विदुर से परामर्श किया था। विदुर ने उन्हें स्वार्थपरक नीति त्याग पर राजनीति के शाश्वत पारमार्थिक उपदेश दिए थे। इन्हें विदुर नीति कहते हैं। इन श्लोकों में विदुर के अमूल्य उपदेश भरे हुए हैं।

 

(3) कर्ण की दानवीरता का वर्णन करें।

उत्तर – कर्ण की दानवीरता जगत प्रसिद्ध है, क्योंकि उसने अभेद्य कवच और कुंडल भी इंद्र को दान में दिया। कर्ण जानता था कि जब तक उसके पास कवच कुंडल विद्यमान है, तब तक उसका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। कर्ण को यह आवाज हो गया कि कृष्ण ने इंद्र के माध्यम से कवच और कुंडल माँगा है। कृष्ण जानते थे कि पांडव विजयी हो। यह जानते हुए भी कर्ण ने कवच और कुंडल का दान किया। इसलिए उसकी दानवीरता विश्वप्रसिद्ध है। 

 

(4) गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानी कह कवि ने किन से क्या प्रार्थना की है ?

उत्तर – इस पाठ गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानी कहकर कवि ने माता पार्वती से प्रार्थना की हे जगन्माता भवानी इस संसार में मेरा कोई नहीं है। एकमात्र तुम्ही मेरा सहारा हो, तुम्हें उद्धारकर्ता हो।

 

(5) शास्त्रकारा: पाठ में वर्णित वैज्ञानिक शास्त्रों पर प्रकाश डालें।

उत्तर – प्राचीन भारत में अनेक वैज्ञानिक ऋषि थे। जिन्होंने विज्ञान संबंधी रचनाएँ लिखी। आयुर्वेद शास्त्र में चरक विरचित संहिता एवं सुश्रुतकृत सुश्रुत संहिता अति प्रसिद्ध है। इनमें रसायन विज्ञान एवं भौतिक विज्ञान का भी वर्णन है। आर्यभट्ट का आर्यभट्टीय के अतिप्रसिद्ध ग्रंथ है जिसमें अनेक विषयों भी वर्णन है। कृषि विज्ञान के रचयिता महर्षि पराशर है। इसमें पराशर है। इसमें वैज्ञानिक कृषि का वर्णन है। इस प्रकार भारतीय वैज्ञानिक शास्त्रकार किसी भी क्षेत्र में अन्य देशों से काम नहीं है।

 

(6) महात्मा बुद्ध के अनुसार वैर की शांति कैसे संभव है ?

उत्तर – महात्मा बुद्ध के अनुसार वैर की भावना को मित्रता, दया के द्वारा शांति संभव है।

 

(7) वासुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा क्यों आवश्यक है ?

उत्तर – वासुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा इसलिए आवश्यक है कि अगर देश जात, पात एवं उच्च नीच जैसे आक्रामक देशों को झेलता रहा तो हम शांति से नहीं रह पायेंगे। इसलिए जरूरी है कि सारा संसार ही अपना परिवार समझ जाए।

 

(8) आत्मा का स्वरूप कैसा है और वह कहाँ रहती है ?

उत्तर – आत्मा अणु से भी सूक्ष्म है और वह प्राणी के हृदय रूपी गुफा में रहती है।

 

(9) पटना का गुरुद्वारा किसके लिए और क्यों महत्वपूर्ण है ?

उत्तर – गुरु गोविंद सिंह ने पटना सिटी में जन्म लिया था। पटना सिटी में सभी सिख धर्म गुरु पधारे हैं। दसवें गुरु गोविंद सिंह का गुरुद्वारा भी यही है। इसलिए इस पवित्र स्थल का सिख संप्रदाय में बड़ा महत्व है।

 

(10) अलसकथा का क्या शिक्षा या संदेश है ?

उत्तर – अलसकथा का संदेश है कि अलस्य एक महान रोग है। अलसी का सहायक प्राय: कोई भी नहीं होता। जीवन में विकास के लिए व्यक्ति का कर्मठ होना अत्यावश्यक है। अलस्य शरीर में रहने वाला महान शत्रु है जिसे अपना परिवार का और समाज का विनाश अवश्यक ही होता है। यदि जीवन में विकास की इच्छा रखते हैं तब आलस्य त्यागकर उधम को प्रेरित हों। 

 

(11) संस्कार कितने प्रकार के और कौन-कौन से होते हैं ?

उत्तर – संस्कार सोलह प्रकार के है। इन सोलह संस्कारों को मुख्य पाँच प्रकारों में बाँटा गया है – तीन जन्म से पूर्व वाले संस्कार, छः शैशव संस्कार, पाँच शिक्षा संबंधी संस्कार, एक विवाह के रूप में गृहस्थ संस्कार तथा एक मृत्यु के बाद अंत्येष्टि संस्कार ।

 

(12) रामप्रवेश की जीवनी पर प्रकाश डालें।

उत्तर – रामप्रवेश का जन्म बिहार राज्य अंतर्गत भीखन टोला नामक गाँव में हुआ था। वे पुस्तकालयों में अनेक विषयों की पुस्तकों का अध्ययन क्या करते थे। वे अध्ययन को छात्रों की पूजा मानते थे। अपने परिश्रम के परिमाणस्वरूप केंद्रीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने में वे सफल रहे।

 

(13) संस्कृत साहित्य में महिलाओं के योगदान का वर्णन करें।

उत्तर – समाजरूपी गाड़ी पुरुषों एवं स्त्रियों के द्वारा चलती है। संस्कृत साहित्य में प्राचीन काल से ही साहित्य समृद्धि में स्त्रियों की भूमिका सराहनीय है। वैदिक युग में मित्रों के वाचक न केवल ऋषि अपितु ऋषिकाएँ भी है। यमी, आपला, इंद्राणी, उर्वशी एवं मैत्रेयी स्त्रियों के मंत्रदर्शन आज के जाज्वल्यमान नक्षत्र की भाँति दीप्तिमान है। याज्ञवल्क्य की पत्नी ने स्वयं अपने पति से आत्म तत्व की शिक्षा ली है। जनक की सभा को बढ़ाने वाली गार्गी का नाम बड़े आदर से लिया जाता है। लौकिक साहित्य में भी विदुषी क्षमता राव अत्यंत प्रसिद्ध है।

 

(14) व्याघ्रपथिककथा पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर – व्याघ्रपथिकथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को लोभ से आकृष्ट नहीं होना चाहिए तथा कदापि प्रलोभनों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।

 

(15) विश्वशान्ति: पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

उत्तर – विश्वशान्ति: पाठ का मुख्य उद्देश्य है कि शांति से ही विश्व का कल्याण होगा। द्वेष असहिष्णुता, अविश्वास असंतोष स्वार्थ आदि अनेक अवगुणों के करण इस समय संसार में अशांति है। शांति भारतीय दर्शन का मूल तत्व माना जाता है। इस पाठ का उद्देश्य दया, परोपकार, मित्रता भाव से शांति स्थापित करता है।

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